Login
Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit. Morbi adipiscing gravdio, sit amet suscipit risus ultrices eu. Fusce viverra neque at purus laoreet consequa. Vivamus vulputate posuere nisl quis consequat.
Create an accountLost your password? Please enter your username and email address. You will receive a link to create a new password via email.
प्रेगनेंसी में अल्ट्रासाउंड कब और कितनी बार करवाना चाहिए? जानें कितना जरूरी है समय पर अलट्रासाउंड
प्रेगनेंसी में अल्ट्रासाउंड कब और कितनी बार करवाना चाहिए? जानें कितना जरूरी है समय पर अलट्रासाउंड
अल्ट्रासाउंड इसलिए भी जरूरी होता है क्योंकि इससे डॉक्टर को ये समझने में मदद मिलती है कि मां की कोख
प्रसूतिशास्र अल्ट्रासोनोग्राफी
प्रसूतिशास्र अल्ट्रासोनोग्राफी या स्त्री रोग विज्ञान सोनोग्राफी चिकित्सा सोनोग्राफी के आवेदन को संदर्भित करता है, जैसे की मादा श्रोणि अंग (विशेष रूप से गर्भाशय, अंडाशय, और फलोपियन ट्यूब) साथ ही मूत्राशय, एडनेक्स, और डगलस के पाउच। प्रक्रिया श्रोणि में अन्य चिकित्सकीय प्रासंगिक निष्कर्षों का कारण बन सकती है।
अनुक्रम
“अल्ट्रासाउंड और सोनोग्राफी क्या है और इनमे क्या अंतर होता है?”. एक सोनोग्राफर द्वारा ही अल्ट्रासाउंड किया जाता है इसमें एक मेडिकल टेस्ट होता है जिसमें उच्च आवृति वाले ध्वनि चित्रों का उपयोग करते हुए शरीर के अंदर के सजीव चित्रों को देखा जाता है। इसे सोनोग्राफी (Sonography )
Continue reading wordpress 5 years ago hindi 0 views प्रेगनेंसी में अल्ट्रासाउंड कब और कितनी बार करवाना चाहिए? जानें कितना जरूरी है समय पर अलट्रासाउंड
प्रेगनेंसी में अल्ट्रासाउंड कब और कितनी बार करवाना चाहिए? जानें कितना जरूरी है समय पर अलट्रासाउंड
अल्ट्रासाउंड इसलिए भी जरूरी होता है क्योंकि इससे डॉक्टर को ये समझने में मदद मिलती है कि मां की कोख
सोनोग्राफी या अल्ट्रासोनोग्राफी, चिकित्सीय निदान (diagnostics) का एक महत्वपूर्ण साधन है। यह पराश्रव्य ध्वनि पर आधारित एक चित्रांकन (इमेजिंग) तकनीक है। चिकित्सा क्षेत्र में इसके कई उपयोग हैं जिसमें से गर्भावस्था में गर्भस्थ शिशु के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी की प्राप्ति सर्वाधिक जानीमानी है।
भौतिकी में ऐसी तरंगो को पराश्रव्य
कैसे काम करती है अल्ट्रासाउंड मशीन
कुछ सालों पहले तक मेडिकल टेक्नोलाजी इतनी विकसित नही थी जितनी आज के दौर में है। डॉक्टर्स को अपने मरीज का हाल चाल उसकी नब्ज देख कर लेना होता था। वह अपने अनुभव से मरीज की बीमारी का पता लगा लेता था। आज मशीनो का
इसे सोनोग्राफी (Sonography ) भीकहा जाता है। अल्ट्रासाउंड एक ऐसा तरीका है जिसमे बिना किसी तरह का चीरा लगाए अल्ट्रासाउंड के जरिए डॉक्टर शरीर के अंगों, वाहिकाओं और कोशिकाओं में उत्पन्न समस्याओं का पता लगाते हैं. आज हम आपको इन्ही के विषय में बताने जा रहे हैं. तो चलिए शुरू
Continue reading wordpress 2 years ago hindi 0 views सोनोग्राफी
https://mr.wikipedia.org/s/3ig
विकिपीडिया, मुक्त ज्ञानकोशातून
Jump to navigation
Jump to search
Wiki letter w.svg
कृपया स्वत:च्या शब्दात परिच्छेद लेखन करून या लेखाचा / विभागाचा विस्तार करण्यास मदत करा.
अधिक माहितीसाठी या लेखाचे चर्चा पान, विस्तार कसा करावा? किंवा इतर विस्तार विनंत्या पाहा.
सोनोग्राफी यंत्र
सोनोग्राफी मशिनचे प्रोब
सोनोग्राफी हे उच्चगामी ध्वनीलहरींच्या गुणधर्मांचा वापर करून शरीराच्या अंतर्गत अवयवांचे चिरफाड न करता
सोनोग्राफी या अल्ट्रासोनोग्राफी, चिकित्सीय निदान (diagnostics) का एक महत्वपूर्ण साधन है। यह पराश्रव्य ध्वनि पर आधारित एक चित्रांकन (इमेजिंग) तकनीक है। चिकित्सा क्षेत्र में इसके कई उपयोग हैं जिसमें से गर्भावस्था में गर्भस्थ शिशु के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी की प्राप्ति सर्वाधिक जानीमानी है।
भौतिकी में ऐसी तरंगो को पराश्रव्य
कैसे काम करती है अल्ट्रासाउंड मशीन
कुछ सालों पहले तक मेडिकल टेक्नोलाजी इतनी विकसित नही थी जितनी आज के दौर में है। डॉक्टर्स को अपने मरीज का हाल चाल उसकी नब्ज देख कर लेना होता था। वह अपने अनुभव से मरीज की बीमारी का पता लगा लेता था। आज मशीनो का
Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit. Morbi adipiscing gravida odio, sit amet suscipit risus ultrices eu. Fusce viverra neque at purus laoreet consequat. Vivamus vulputate posuere nisl quis consequat. Donec congue commodo mi, sed commodo velit fringilla ac. Fusce placerat venenatis mi.
Continue readingLorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit. Morbi adipiscing gravida odio, sit amet suscipit risus ultrices eu. Fusce viverra neque at purus laoreet consequat. Vivamus vulputate posuere nisl quis consequat. Donec congue commodo mi, sed commodo velit fringilla ac. Fusce placerat venenatis mi.
Continue reading