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Posted on Wed 13th Oct 2021 : 11:21

लड़का पैदा होने के लक्षण, क्या सच है क्या झूठ
कहते हैं कि लड़का पैदा होगा या लड़की, इस बात के संकेत प्रेगनेंसी के नौ महीनों में ही मिल जाते हैं।
लड़का पैदा होने के लक्षण, क्या सच है क्या झूठ

कंसीव करने के बाद गर्भावस्‍था के नौ महीने पूरे होने तक महिलाओं के साथ-साथ पूरे परिवार के मन में यह सवाल आता है कि लड़का पैदा होगा या लड़की। भारत में तो बच्‍चे के लिंग के बारे में जन्‍म से पहले बताना अपराध है। लेकिन प्रेगनेंसी में मिलने वाले कुछ लक्षणों की मदद से आप ये जान सकते हैं कि लड़का पैदा होगा या लड़की।

यहां हम आपको लड़का पैदा होने पर मिलने वाले संकेतों और उनके पीछे छिपी सच्‍चाई के बारे में।

​मॉर्निंग सिकनेस

भ्रम : कहते हैं कि जब प्रेगनेंसी में मॉर्निंग सिकनेस या मतली नहीं होती है तो यह पेट में लड़का होने का संकेत होता है।

तथ्‍य : मॉर्निंग सिकनेस यानी मतली और उल्‍टी गर्भावस्‍था का एक आम लक्षण है जो कि 70 से 80 फीसदी प्रेगनेंट महिलाओं में दिखता ही है। आमतौर पर यह प्रेगनेंसी की पहली तिमाही में ही बंद हो जाता है।

लेकिन कुछ को डिलीवरी तक मॉर्निंग सिकनेस होती है। माना जाता है कि मॉर्निं‍ग सिकनेस हार्मोनल बदलाव के कारण होती है और इसका संबंध बच्‍चे के सेक्‍स से नहीं होता है।
​ब्रेस्‍ट का साइज

भ्रम : माना जाता है कि पेट में बच्‍चा होने पर बाईं तरफ की ब्रेस्‍ट की तुलना में दाईं ब्रेस्‍ट का साइज बढ़ जाता है।

तथ्‍य : गर्भावस्‍था में हार्मोनल बदलाव के कारण रक्‍त प्रवाह बेहतर होता है और ब्रेस्‍ट के ऊतकों में भी बदलाव आता है जिससे वो बड़ी दिखने लगती हैं। ब्रेस्‍ट दूध बनाने के लिए तैयार हो रही होती हैं जिससे उनमें सूजन आ सकती है। हालांकि, इस बात का कोई प्रमाण नहीं है कि पेट में लड़का होने पर ब्रेस्‍ट में कोई बदलाव आता है।

​ठंडे पैर

भ्रम : कहते हैं कि जिस प्रेगनेंसी महिला के पैर ठंडे रहते हैं, उसे बेटा पैदा होगा।

तथ्‍य : ब्‍लड सर्कुलेशन ठीक न होने, डायबिटीज या बहुत ही ज्‍यादा ठंडे मौसम की वजह से गर्भवती महिला के पैर ठंडे हो सकते हैं। इस बारे में अपने डॉक्‍टर से बात करें।
​पेशाब का रंग

भ्रम : गर्भावस्‍था के दौरान पेशाब का रंग बदलता है और गहरे रंग का पेशाब आने का मतलब है कि आपके लड़का पैदा होगा।

तथ्‍य : प्रेगनेंसी के दौरान पेशाब का रंग बदलना आम बात है। पेशाब का रंग गहरा होना शरीर में पानी की कमी का संकेत हो सकता है जो कि मतली और उल्‍टी की वजह से हो सकता है। किसी खाद्य पदार्थ, दवा और सप्‍लीमेंट की वजह से भी पेशाब का रंग बदल सकता है और इसका शिशु के सेक्‍स से कोई संबंध नहीं है।

​मूड स्विंग्‍स

भ्रम : कहते हैं कि अगर पेट में लड़का है तो आपको प्रेगनेंसी में होने वाले मूड स्विंग्‍स से डरने की जरूरत नहीं है।

तथ्‍य : प्रेगनेंसी में हार्मोनल बदलावों के कारण मूड स्विंग्‍स होते हैं और इसका न होना भी हार्मोंस से ही संबंधित होता है। इसका पेट में पल रहे बच्‍चे के लिंग से कोई लेना-देना नहीं है।
​फूड क्रेविंग

भ्रम : प्रेगनेंसी में नमकीन या खट्टा खाने का मन करता है तो इसका मतलब है कि आपके बेटा पैदा होगा।

तथ्‍य : इस बात को साबित करने के लिए कोई वैज्ञानिक प्रमाण मौजूद नहीं है। हार्मोनल बदलाव, पोषण की कमी और कुछ मानसिक कारकों की वजह से क्रेविंग होती है। हालांकि, इस दिशा में अभी और रिसर्च किए जाने की जरूरत है।

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