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मासिक धर्म को माहवारी, रजोधर्म, मेंस्ट्रुअल साइकिल या एमसी और पीरियड्स के नाम से भी जाना जाता है। महिलाओं के शरीर में हार्मोन में होने वाले बदलाव की वजह से गर्भाशय से स्क्त और अंदरूनी हिस्से से होने वाली स्त्राव को मासिक धर्म कहते हैं। मासिक धर्म सबको एक ही उम्र में नहीं होता। लड़कियों को यह 8 से 17 वर्ष तक ही उम्र में हो सकता हैं। कुछ विकसित देशों में लड़कियों को 12 या 13 साल की उम्र में पहला मासिक-धर्म होता है। वैसे सामान्य तौर पर 11 से 13 वर्ष की उम्र में लड़कियों का मासिक धर्म शुरू हो जाता है।
लड़की को किस उम्र में मासिक धर्म शुरू होगा, यह कई बातों पर निर्भर करता है। लड़की के जीन्स की रचना, खान-पान, काम करने का तरीका, वह जिस जगह पर रहती है, उस स्थान की ऊंचाई कितनी है आदि। पीरियड्स या मासिक धर्म महीने में एक बार आता है। यह चक्र सामान्य तौर पर 28 से 35 दिनों का होता है। महिला जब तक गर्भवती न हो जाए यह प्रक्रिया हर महीने होती है। मतलब 28 से 35 दिनों के बीच नियमित तौर पर मासिक धर्म या माहवारी होती है। कुछ लड़कियों या महिलाओं को माहवारी 3 से 5 दिनों तक रहती है, तो कुछ को 2 से 7 दिनों तक।
मासिक धर्म या माहवारी आने से पहले महिला के शरीर में कुछ लक्षण दिखाई पड़ते हैं। जैसे- माहवारी से पहले पेट में दर्द और ऐंठन की समस्या। मासिक धर्म शुरू होने के साथ डायरिया या उल्टी की समस्या भी हो सकती है। मासिक धर्म शुरू होने के साथ पेट में समस्या के अलावा खाने की इच्छा भी बढ़ जाती है। सामान्य दिनों की तुलना में माहवारी के दौरान महिलाएं ज्यादा खाने लगती हैं। इस वजह से मासिक धर्म के दौरान कई बार वजन बढ़ने की भी संभावना रहती है।
मासिक धर्म शुरू कैसे होता है: जब कोई लड़की किशोरावस्था में पहुंचती है तब उसके अंडाशय इस्ट्रोजन एवं प्रोजेस्ट्रोन नामक हार्मोन उत्पन्न करने लगते हैं। इन हार्मोन की वजह से हर महीने में एक बार गर्भाशय की परत मोटी होने लगती है। कुछ अन्य हार्मोन अंडाशय को एक अनिषेचित डिम्ब उत्पन्न एवं उत्सर्जित करने का संकेत देते हैं। सामान्यतः अगर लड़की माहवारी के आसपास यौन संबंध नहीं बनाती हैं तो गर्भाशय की वह परत जो मोटी होकर गर्भावस्था के लिए तैयार हो रही थी, टूटकर रक्तस्राव के रूप में बाहर निकल जाती है। इसे मासिक धर्म कहते हैं।
पीरियड्स महीने में एक बार आते हैं। यह चक्र सामान्य तौर पर 28 से 35 दिनों का होता है।
मासिक चक्र की वजह से ऐसे हार्मोन बनते हैं जो शरीर को स्वस्थ रखते हैं। हर महीने ये हार्मोन शरीर को गर्भधारण के लिए तैयार कर देते हैं। मासिक चक्र के दिन की गिनती पीरियड्स शुरू होने के पहले दिन से अगले पीरियड्स शुरू होने के पहले दिन तक की जाती है। लड़कियों में मासिक चक्र 21 दिन से 45 दिन तक का हो सकता है। सामान्य तौर पर मासिक चक्र 28 से 35 दिन का होता है।
हार्मोंस में परिवर्तन: मासिक चक्र के शुरू के दिनों में एस्ट्रोजन नामक हार्मोन बढ़ना शरू होता है। ये हार्मोन शरीर को स्वस्थ रखता है, खासतौर पर हड्डियों को मजबूत बनाता है। साथ ही इस हार्मोन के कारण गर्भाशय की अंदरूनी दीवार पर रक्त और टिशूज की एक मखमली परत बनती है, ताकि वहां भ्रूण पोषण पाकर तेजी से विकसित हो सके। ये परत रक्त और टिशू से बनी होती है।
ब्लीडिंग: पीरियड्स के समय अक्सर यह मन में सवाल आता है कि ब्लीडिंग कितने दिन तक होना चाहिए और कितनी मात्रा में होना चाहिए कि जिसे सामान्य माना जाए। पीरियड यानि MC के समय निकलने वाला स्राव सिर्फ रक्त नहीं होता है। इसमें नष्ट हो चुके टिशू भी शामिल होते हैं। इसमें ब्लड की क्वांटिटी करीब 50 एमएल ही होती है।
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