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कई बार जन्म के समय से या जन्म के बाद नवजात शिशु के सिर की शेप (Head shape) सही नहीं होती है. लेकिन अगर इस पर समय रहते ध्यान न दिया जाये तो, बचपन में भले ही इसको ज्यादा नोटिस कोई न करे लेकिन बड़े होने के बाद ये देखने में बड़ी अजीब लगती है. इसलिए ज़रूरी है कि शिशु के सिर की शेप का ध्यान भी खासतौर (Specially) पर रखा जाये और समय रहते इसको सही करने के तरीके अपनाये जाएं. दरअसल सिर की शेप सही करने के तरीके भी तब तक ही काम आ सकते हैं जब तक बच्चे का सिर लचीला (Flexible) हो. जैसे-जैसे उसकी उम्र बढ़ती है उसका सिर मजबूत होता जाता है जिसे सही शेप देना फिर संभव नहीं होता. आइये, जानते हैं कि शिशु के सिर की शेप सही करने के लिए क्या तरीके अपनाये जा सकते हैं.
मालिश के समय सिर को हल्के हाथों से दें गोल आकार
जिस समय शिशु की मालिश की जाती है उस समय शरीर के बाकी हिस्सों की तरह ही उसके सिर की मालिश भी करना बहुत ज़रूरी है. सिर की मालिश करते हुए बहुत ही हल्के हाथों से शिशु के सिर को गोल आकार देने की कोशिश करनी चाहिए. ऐसा मालिश के समय रोज़ाना कई महीनों तक करने की ज़रूरत होगी. शिशु का सिर काफी लचीला होता है इसलिए ऐसा करने से ये धीरे-धीरे सही शेप में आने लगेगा.
शिशु को एक ही पोजीशन में न लिटाएं
कई बार बच्चे एक ही जगह पर एक ही पोजीशन में घंटो लेटे रहते हैं जिसकी वजह से उनके सिर की शेप बिगड़ जाती है. इसलिए ज़रूरी है कि बीच-बीच में बच्चे की पोजीशन बदलते रहें. वैसे तो शिशु के लिए पीठ के बल लेटने की पोजीशन ही सबसे सही है लेकिन जब शिशु जाग रहा हो तो अपनी निगरानी में बच्चे को कुछ-कुछ देर के लिए कभी करवट से तो कभी पेट के बल लिटाने की कोशिश करें.
बच्चे के बिस्तर के आस-पास रंगीन और हल्के खिलौने भी लटका सकते हैं. हल्के होने की वजह से हवा के चलते जब खिलौने हिलेंगे तो उनको देखने के लिए बच्चे के सिर का मूवमेंट भी होता रहेगा.
बीच-बीच में गोद में भी लिटायें
शिशु को लम्बे समय तक बिस्तर पर एक ही जगह लिटाने की बजाय उसको कुछ-कुछ देर के लिए गोद में भी लिटाती रहें. इससे जगह बदलने के चलते उसके सिर की शेप भी नहीं बदलेगी साथ ही बच्चे को आराम भी मिलेगा.
दोनों ओर से करायें ब्रेस्ट फीडिंग
अगर आप शिशु को ब्रेस्ट फीडिंग करवाती हैं तो शिशु को गोद में लिटाकर बारी-बारी से दोनों ओर से ब्रेस्ट फीडिंग करवायें. इससे बच्चे की जगह भी बदलती रहेगी साथ ही उसके सिर का मूवमेंट भी अलग-अलग दिशा में होता रहेगा. साथ ही ये आपकी सेहत के लिए भी बेहतर होगा.
शिशु को कंधे से भी लगायें
दिन में एक-दो बार शिशु को अपने कंधे से लगाकर कुछ देर यहां-वहां भी टहलें. इससे शिशु की पोजीशन भी कुछ-कुछ देर के लिए बदलती रहेगी साथ ही कुछ देखने के चलते उसके सिर का मूवमेंट भी होता रहेगा. हालांकि शिशु का सिर और शरीर बहुत ही लचीला होता है इसलिए उसको कंधे से लगाकर टहलते समय आपको विशेष सावधानी रखनी होगी और एक हाथ से उसके शरीर को और दूसरे से उसके सिर को सहारा देना होगा.
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