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8 महीने के बच्चे की गतिविधियां, विकास और देखभाल
8 महीने के बच्चे का वजन और हाइट कितनी होनी चाहिए?
आठवें महीने में बेबी गर्ल का सामान्य वजन 6.9 किलो से 8.9 किलो और लंबाई करीब 68.7 सेंटीमीटर तक होती हैं। वहीं, बेबी बॉय का वजन 7.5 किलो से 9.8 किलो और लंबाई करीब 70.6 सेंटीमीटर तक होती है (1)। इनके अलावा, एक बात का ध्यान रखना भी जरूरी है कि शिशुओं का शारीरिक विकास इस पर निर्भर करता है कि जन्म के समय उसका वजन कितना था। जन्म के 5 महीने बाद उसका वजन बर्थ वेट से दोगना हो जाता है। साथ ही एक साल बाद यह वजन तिगुना हो जाता है। साथ ही जब भी आप शिशु को चेकअप के लिए डॉक्टर के पास लेकर जाएं, तो उसके वजन व हाइट को जरूर नोट करें और इसका एक चार्ट बनाएं।
8 महीने के बच्चे के विकास के लिए माइल्सटोन
बच्चे जैसे माहौल में बड़े होते हैं, उनका स्वभाव और बोलचाल भी वैसी ही होती है। शिशु जन्म के बाद हर महीने शारीरिक, मानसिक व भावनात्मक रूप से विकसित होता हैं। इसलिए, नीचे हम 8 महीने के बच्चे की गतिविधियों और विकास के माइल्सटोन के बारे में जानकारी दे रहे हैं।
बेबी की सफाई और स्वच्छता का ध्यान रखना
शरीर की सफाई : शिशु की शरीर की सफाई गुनगुने पानी से करनी चाहिए। ठंडे पानी का इस्तेमाल करने से शिशु बीमार हो सकते हैं। शरीर की सही समय पर सफाई न करने से उन्हें घमौरियां हो सकती हैं। शिशु के चेहरे की सफाई पर माता-पिता को अधिक ध्यान देना चाहिए, क्योंकि वह कुछ भी खाता है, तो चेहरा गंदा हो जाता है।
कपड़े की स्वछता : शिशु को पहनाने वाले और उसके बिस्तरे में इस्तेमाल होने वाले कपड़ों को गरम पानी में एंटीसेप्टिक लिक्विड मिक्स करके धाेना चाहिए। इससे शिशु के कपड़े अच्छी तरह साफ हो जाते हैं और संक्रमण का खतरा नहीं रहता।
बच्चे के खिलौने की सफाई : छोटे बच्चे खेलते-खेलते खिलौनों को मुंह में डाल लेते हैं। इसलिए, खिलौनों का साफ होना जरूरी है। ऐसा न करने पर खिलौनों पर लगे बैक्टीरिया शिशु को बीमार कर सकते हैं।
शिशु के जननांग की सफाई : शिशु के जननांग की साफ-सफाई भी जरूरी है। इसलिए, जब उसका डाइपर चेंज करें, तो हल्के गुनगुने पानी से साफ करें और अच्छी मॉस्चराइजर क्रीम लगाएं। साथ ही कुछ देर के लिए उसे खुला भी रहने दें, ताकि प्राकृतिक नमी बनी रहे।
दांतों और मसूड़ों की सफाई: शिशु के 6 महीने का होने के बाद उसके दांतों और मसूड़ों पर नरम ब्रश या उंगली से ब्रश करना शुरू करें। अगर उंगली से ब्रश करने का सोच रहे हैं, तो पहले हाथों को अच्छे से धोएं, फिर ब्रश करें।
इस लेख में आगे जानिए माता पिता बच्चे के विकास में कैसे मदद कर सकते हैं।
माता-पिता बच्चे के विकास में कैसे मदद कर सकते हैं?
बच्चे के विकास में माता-पिता अहम भूमिका निभाते हैं। आइए, जानते हैं कैसे :
शिशु के आसपास का माहौल उसके विकास में मुख्य भूमिका निभाता है। इसलिए, माता-पिता ध्यान रखें कि उनका शिशु अच्छे माहौल में बड़ा हो।
शिशु को अकेले न छोड़ें, उसके साथ अधिक से अधिक समय बिताएं।
शिशु को खुश करने के लिए गाने गाएं और उसे सुलाते समय लोरी सुनाएं।
शिशु को खाने में पौष्टिक आहार दें। पोषक तत्व दिमाग के लिए तो लाभदायक होता ही है, साथ ही शारीरिक विकास के लिए भी फायदेमंद होता है।
उसे कुछ देर खुली हवा में सैर कराएं और उसकी उम्र के दूसरे बच्चों से उसे मिलाएं।
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