37 सप्ताह में कितने महीने होते हैं?pregnancytips.in

Posted on Tue 8th Jan 2019 : 09:24

37 Week Pregnancy में ये होंगे आपके लक्षण

Pregnancy के 37 सप्‍ताह तक आपकी यात्रा शानदार रही, लेकिन इस समय आपके मन में ख्‍याल आ रहा होगा कि नए मेहमान के आने से पहले घर को कैसे व्‍यवस्थित किया जाए। लेकिन इस तैयारी में बहुत भागदौड़ करने की जरूरत नहीं है।

37 Week Pregnancy
गर्भावस्‍था के ये आखिरी दिन आपको बहुत मुश्किल लगने वाले हैं। सूजन और शरीर के कई हिस्‍सों में दर्द और ऐंठन महसूस हो सकती है लेकिन चिंता करने की जरूरत नहीं है क्‍योंकि अब ये सब समस्‍याएं जल्‍द ही खत्‍म होने वाली हैं।

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37 week Pregnant मतलब आप अपनी गर्भावस्‍था के नवें महीने में पहुंच चुकी हैं। याद कीजिए जब आपका बच्‍चा राई के दाने के बराबर था यानि लगभग प्रेगनेंसी के पांचवे हफ्ते में तब आप सोचा करती थीं कि नौवें महीने में आपको कैसा लगेगा।

आपकी यात्रा शानदार रही, लेकिन इस समय आपके मन में ख्‍याल आ रहा होगा कि नए मेहमान के आने से पहले घर को कैसे व्‍यवस्थित किया जाए। लेकिन इस तैयारी में बहुत भागदौड़ करने की जरूरत नहीं है। हां एक लिस्‍ट जरूर बना लीजिए जिसमें बदली जरूरतों के हिसाब से आपके कपड़े और बच्‍चे के लिए कमरे में जरूरी बदलाव शामिल हों।

प्रेगनेंट महिला के शरीर में बदलाव
लेबर के लिए शिशु का सिर अब नीचे बर्थ कैनाल की ओर आ जाएगा। हो सकता है कि आपकी डिलीवरी हो जाए या अभी इसमें चार सप्‍ताह हों। शिशु का सिर नीचे आने पर आपको मूत्राशय में दबाव महसूस हो सकता है। बार बार पेशाब आने जैसा महसूस हो सकता है या कमर के निचले हिस्‍से में दर्द हो सकता है।
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हर इंसान को गैस और पेट फूलने की प्रॉब्‍लम होती है। आम इंसान दिन में लगभग 12 से 14 बार गैस पास करता है। वहीं प्रेगनेंट महिलाओं में प्रोजेस्‍टेरोन हार्मोन लेवल के बढ़ते लेवल की वजह से शरीर की मांसपेशियां रिलैक्‍स हो जाती हैं।

इसका मतलब है कि पाचन मार्ग की सभी मांसपेशियां भी रिलैक्‍स हो जाती हैं जिससे पाचन धीमा पड़ जाता है। इससे पेट में गैस अधिक बनने लगती है।

प्रोजेस्‍टेरोन हार्मोन के बढ़ने के कारण न सिर्फ प्रेगनेंट महिलाओं को ज्‍यादा गैस बनती है बल्कि उन्‍हें पब्लिक प्‍लेस में भी अक्‍सर यह समस्‍या ज्‍यादा होती है।
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गर्भवती महिलाओं का पाचन पहले की तुलना में लगभग 30 फीसदी धीमा हो जाता है। इसके कारण अधिक गैस बनने लगती है और ये गैस डकार या गुदा मार्ग के जरिए शरीर से बाहर निकलती है।

वहीं, गर्भ में शिशु को जगह देने के लिए गर्भाशय का आकार बढ़ता रहता है जिससे पेट, आंतों, मूत्राशय और आसपास के हिस्‍सों पर दबाव पड़ता है। पाचन धीमा पड़ जाता है और गैस अधिक बनती है।

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अमूमन हर महिला को प्रेगनेंसी के दौरान इस परेशानी से गुजरना ही पड़ता है। हालांकि, आप अपनी जीवनशैली और आहार में कुछ बदलाव कर के गैस की समस्‍या को खत्‍म कर सकती हैं।

ब्रोकली और बींस ज्‍यादा गैस बनाते हैं इसलिए प्रेगनेंसी डायट में इनका कम ही इस्‍तेमाल करें। इसके अलावा बंदगोभी, फूलगोभी, कार्बोहाइड्रेट युक्‍त और कुछ डेयरी प्रोडक्‍ट भी गैस पैदा करते हैं। शुगर फ्री चीजें खाएं और कार्बोनेटेड ड्रिंक्‍स कम पिएं।


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जैसा कि हमने पहले भी बताया कि गर्भावस्‍था में गैस बनने की शिकायत अधिक रहती है इसलिए इससे निजात पाने के लिए खूब पानी पिएं। पानी पाचन को तेज करता है और कब्‍ज होने से बचाता है।

एक ही बार में ज्‍यादा खाने की बजाया थोड़ा-थोड़ा करके खाएं। खाने को अच्‍छी तरह से चबाकर खाने से भी फायदा होता है। रोज एक्‍सरसाइज करें।


बच्‍चे का विकास
आपका बच्‍चा अब 19 इंच लंबा होगा। वजन जन्‍म लेने तक बढ़ता जाएगा। बच्‍चे के सभी जरूरी अंग विकसित हो चुके हैं लेकिन फेफड़े अभी पूरी तरह विकसित नहीं हुए हैं। इस‍ीलिए उसे अभी बाकी के बचे सप्‍ताह पेट में गुजारने हैं। इस समय बच्‍चा पैदा हुआ तो प्रीमैच्‍योर या प्री-टर्म कहलाएगा।

प्रेगनेंसी के 37वें सप्‍ताह के लक्षण
आपके लक्षण वही हैं जो पिछले हफ्ते थे। बस धैर्य बनाए रखिए। अपने लक्षणों के साथ बच्‍चे के मूवमेंट पर भी ध्‍यान दें। उसे दो घंटों के भीतर कम से कम दस बार मूवमेंट करना है।
कभी-कभी बच्‍चा पेट में सो जाता है और कम हलचल करता है। ऐसी स्थिति होने पर आप कुछ खा लीजिए, खासकर ऐसा जिसमें चीनी या ग्‍लूकोज की मात्रा अधिक हो ताकि बच्‍चे को एनर्जी मिल सके। मूवमेंट मनमुताबिक न होने पर डॉक्‍टर से संपर्क करें।

नकली लेबर पेन : इसे डॉक्‍टरी भाषा में Braxton Hicks Contractions भी कहते हैं। इनके होने का मतलब है कि आपका शरीर डिलीवरी की रिहर्सल कर रहा है। इस दौरान आपके गर्भाशय के ऊपरी हिस्‍से से संकुचन शुरू होकर नीचे की ओर बढ़ते हैं। ये 15 से 30 सेकंड तक रहते हैं कभी-कभी इससे ज्‍यादा भी।
ऐसी स्थिति में आपको अपनी पोजिशन बदल लेनी चाहिए। मतलब अगर बैठी हैं तो खड़ी हो जाइए या कुछ कदम चलने लगिए। ये रुक जाएंगे। अगर ये न रुकें और समय के साथ बढ़ते जाएं तो समझ लीजिए आपके लेबर पेन की शुरूआत हो चुकी है। डॉक्‍टर से संपर्क कीजिए।
वजाइनल डिस्‍चार्ज : इस समय वजाइना से गाढ़ा पदार्थ निकलता है। यह आपको इन्‍फेक्‍शन से बचाने के लिए है। लेकिन अगर इसकी जगह पानी जैसा तरल निकलने लगे तो समझ जाइए कि डिलीवरी की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
ऐसी स्थिति में बिना घबराए कोई सूती चादर या तौलिया इस तरह अपने पैरों के बीच लगा लीजिए कि पानी तेजी से न निकले और डॉक्‍टर के पास जल्‍द से जल्‍द पहुंचने की कोशिश करें।
अन्‍य लक्षण : आपको इस सप्‍ताह पैरों में सूजन, मतली और सोने में दिक्‍कत हो सकती है। यह भी पढ़ें : प्रेग्नेंसी में अच्छी नींद के लिए अपनाएं ये प्राकृतिक तरीके

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प्रेगनेंट महिला क्‍या करे
अब आपको डिलीवरी के लिए तैयार रहना है। कभी भी आपको लेबर पेन शुरू हो सकता है। बच्‍चे कि किक और मूवमेंट जरूर गिनें। अगर शिशु की मूवमेंट में कोई कमी लग रही है तो डॉक्‍टर को तुरंत इस बारे में बताएं।

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