महिला नसबंदी में कितना खर्च आता है?pregnancytips.in

Posted on Tue 21st Aug 2018 : 02:14

भारत: महिलाओं को नसबंदी से कितना ख़तरा?



छत्तीसगढ़ में सरकारी नसबंदी शिविर में महज़ छह घंटे में 80 से ज़्यादा ऑपरेशन किए गए.

इसके बाद 11 महिलाओं की मृत्यु हो गई और कई अस्पताल में भर्ती हैं.

किस तरह की परिस्थितियों में ग्रामीण इलाकों में किए जाते हैं ये ऑपरेशन?

यह जानने के लिए बीबीसी ने बात की दिल्ली के जाने-माने स्त्रीरोग विशेषज्ञ पुनीत बेदी से.
डॉक्टर पुनीत बेदी से विस्तृत बातचीत

नसबंदी की आदर्श प्रक्रिया क्या है?

सही प्रक्रिया तो यह है कि नसबंदी करवाने वाली महिला को सबसे पहले इस प्रक्रिया से जुड़े फ़ायदे और ख़तरे के बारे में अच्छे से अवगत करवाया जाए.
छत्तीसगढ़ महिला नसबंदी मौत

महिला पर इसके लिए किसी तरह का दबाव नहीं होना चाहिए, न तो सरकार का और न ही किसी स्वास्थ्य अधिकारी का.

स्वीकृति के बाद महिला को ऑपरेशन थियेटर में ले जाया जाता है जहां उसे एनस्थीसिया दिया जाता है. नसबंदी की प्रक्रिया में इन्फ़ेक्शन का डर सबसे ज़्यादा रहता है. इसलिए यह बेहद ज़रूरी है कि सभी मेडिकल औज़ार साफ़-सुथरे होने चाहिए.

आजकल दूरबीन से ही ये प्रक्रिया की जाती है, जिसमें सबसे पहले महिला के पेट में गैस भरी जाती है और फिर क्लिप लगा हुआ पेन के साइज़ का एक औज़ार पेट में डाला जाता है. इस औज़ार से दोनों ट्यूब को निष्क्रिय कर दिया जाता है. इस औज़ार को निकालने के बाद एक टांका लगा दिया जाता है.

इस प्रक्रिया से महिला के स्वास्थ्य को कितना ख़तरा हो सकता है?

यूं तो इस प्रक्रिया में केवल बीस मिनट ही लगते हैं लेकिन संक्रमण का ख़तरा काफ़ी रहता है. क्योंकि औज़ार अंदाज़े से ही अंदर डाला जाता है, इसलिए ग़ुर्दा ख़राब होने का भी डर रहता है और दूसरे अंदरूनी भागों में चोट लगने का भी ख़तरा होता है, जिससे अंदरूनी रक्तस्राव भी हो सकता है.

बिलासपुर में महज़ छह घंटों में 80 से ज़्यादा ऑपरेशन किए गए. आपकी नज़र में कहां चूक हुई होगी?
महिला नसबंदी मौत
नसबंदी करने में समय भले ही कम लगता हो, लेकिन ये बेहद मुश्किल प्रक्रिया है. गांवों में अक्सर होता यह है कि मेडिकल औज़ारों को जीवाणु मुक्त नहीं किया जाता.

महज़ छह घंटों में इतने ऑपरेशन करना नामुमकिन है क्योंकि औज़ार के स्टेरलाइज़ेशन में ही एक से डेढ़ घंटा लगता है.

पिछले 30 साल से हमारे देश में ऐसे कई हादसे हो चुके हैं जिसमें नसबंदी के बाद कई महिलाओं की मौत हुई है.

स्वास्थ्य अधिकारी ऐसे शिविरों में एक लक्ष्य तय कर लेते हैं और उस लक्ष्य को पूरा करने के लिए वे ज़्यादा से ज़्यादा महिलाओं को शिविरों तक ले आते हैं.

हालांकि उन महिलाओं को इस प्रक्रिया के ख़तरों के बारे में ठीक से अवगत नहीं करवाया जाता, साथ ही नसबंदी के बाद लेने वाले उपायों के बारे में भी उन्हें नहीं बताया जाता.

फिर ऐसे शिविरों में अपर्याप्त अनुभव वाले डॉक्टर भी अपना हाथ साफ़ करने की कोशिश करते हैं, जिससे ख़तरा और बढ़ जाता है.
छत्तीसगढ़ महिला नसबंदी मौत
हादसों के बावजूद गावों में महिलाएं क्यों जाती हैं नसबंदी करवाने?

होता यह है कि गांवों में 'आशा' स्वास्थ्य कर्मचारियों को ज़्यादा से ज़्यादा महिलाओं को नसबंदी के लिए राज़ी करवाने के लिए पैसे दिए जाते हैं. ज़्यादातर मामलों में महिलाओं को भी नसबंदी करवाने के लिए पैसे दिए जाते हैं.

तो पैसे के लालच के चक्कर में ये महिलाएं और स्वास्थ्य कर्मचारी, दोनों बिना पूरी जानकारी हासिल किए इन शिविरों में चली जाती हैं.

कई गांवों में तो टारगेट पूरा करने के लिए महिलाओं को ट्रकों में भर कर इन शिविरों में ले जाया जाता है. बस एक बार ऑपरेशन हो गया उसके बाद किस-किस तरह के एहतियात बरतने हैं, इन पर भी ध्यान नहीं दिया जाता.

नतीजा ये कि ऐसे हादसे हो जाते हैं.

अनुमान है कि भारत की आबादी साल 2030 तक चीन से भी ज़्यादा हो जाएगी. इस अनुमान को ध्यान में रखते हुए आबादी को नियंत्रित करने के लिए क्या उपाय किए जाने चाहिए?
छत्तीसगढ़ महिला नसबंदी मौत
आबादी को लेकर भी एक अनूठी वैश्विक राजनीति है. आबादी को कंट्रोल करने के बजाय हमें आबादी को स्थायी करने पर ध्यान देना चाहिए. चीन से बराबरी करने को लेकर हमें चिंता नहीं करनी चाहिए.

चीन की एक-बच्चा नीति से भी कोई ख़ास फ़ायदा नहीं हुआ, बल्कि उनके यहां बूढ़ों की आबादी बढ़ रही है. आने वाले दिनों में वहां आलम ये होगा कि चीन की फैक्ट्रियों में भारतीय युवा काम करने जाएंगें.

तो ऐसे शिविरों में लोगों को बहला-फुसला कर लाने से भारत की आबादी की समस्या का समाधान नहीं होने वाला है. हमें इस समस्या को दूसरे नज़रिए से देखने की ज़रूरत है.

हमें चाहिए कि हम स्वास्थ सेवा की गुणवत्ता पर ध्यान दें, न कि इस बात पर कि ज़्यादा से ज़्यादा आबादी की नसबंदी की जाए.

solved 5
wordpress 5 years ago 5 Answer
--------------------------- ---------------------------
+22

Author -> Poster Name

Short info