बच्चों के लिए कौन सा हेल्थ ड्रिंक बेहतर है?pregnancytips.in

Posted on Fri 11th Nov 2022 : 09:30

बच्चों के लिए हेल्थ ड्रिंक्स: 10 सबसे अच्छे व 5 नुकसानदेह पेय

बच्चों को अक्सर बाहर के खाने-पीने की चीजें पसंद आती है। इनमें जंक फूड्स के साथ-साथ आजकल बाजार में मिलने वाले कुछ पैक्ड जूस और सॉफ्ट ड्रिंक्स भी शामिल हैं। इनका स्वाद बच्चों को ही नहीं, बल्कि बड़ों को भी पसंद आता है। हालांकि, स्वाद में भले ही ये अच्छे हो, लेकिन इनके नुकसान भी कई सारे हैं, जिस कारण इनके सेवन से बड़ों और बच्चों दोनों को ही बचना चाहिए। ऐसे में अगर आपके बच्चे को भी बाजार के बने पेय पीने की आदत है, तो आप उसकी इस अनहेल्दी आदत को हेल्दी बना सकती हैं। मॉमजंक्शन के इस लेख में हम बच्चों के लिए हेल्थ ड्रिंक्स बता रहे हैं, जो उनके स्वास्थ्य के लिए लाभकारी हो सकते हैं।

सबसे पहले जानते हैं बच्चों के लिए टॉप 10 हेल्थ ड्रिंक्स के नाम और उनके फायदे।
बच्चों के लिए 10 सबसे अच्छे व हेल्दी पेय | Best Health drink for Kids in Hindi

यहां हम बच्चों के लिए हेल्थ ड्रिंक्स और उनके स्वास्थ्य लाभ बता रहे हैं। बच्चे की पसंद के अनुसार इन्हें उनके आहार में शामिल किया जा सकता है और उनके स्वास्थ्य को बेहतर बनाया जा सकता है।
1. नारियल पानी


हेल्थ ड्रिंक फॉर किड्स में सबसे पहला नाम है नारियल पानी का। यह एक ऐसा पेय पदार्थ है, जो बच्चे में गैस्ट्रोएंटेरिटिस (Gastroenteritis – पेट और आंतों में सूजन संबंधी समस्या) यानी पेट के फ्लू की समस्या दूर कर सकता है। एनसीबीआई (National Center for Biotechnology Information) की वेबसाइट पर प्रकाशित शोध में बताया गया है कि नारियल पानी शरीर में तरल पदार्थों का स्तर बनाए रखने में मदद कर सकता है। जिस वजह से इसे होम ग्लूकोज इलेक्ट्रोलाइट के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। जो बच्चे में दस्त और डिहाइड्रेशन (बच्चों में पानी की कमी) के उपचार में लाभकारी हो सकता है। हालांकि, ध्यान रखें कि गंभीर डिहाइड्रेशन, गुर्दे से संबंधित समस्या या हैजा (Cholera) के गंभीर लक्षण होने पर नारियल पानी का सेवन न कराएं (1)। गंभीर स्वास्थ्य समस्या होने पर मेडिकल ट्रीटमेंट का ही विकल्प चुनें।
2. नींबू पानी


बच्चे के लिए नींबू पानी के फायदे की बात करें, तो नींबू में मौजूद विटामिन सी एंटीऑक्सीडेंट गुणों वाला होता है। साथ ही इसमें एंटीबैक्टीरियल और एंटीवायरल गुण भी होते हैं, जो बैक्टीरियल और वायरल संक्रमण से बचाव करने में मदद कर सकते हैं। इससे बच्चों के रोग प्रतिरोधक क्षमता को कुछ हद तक बेहतर बनाने में मदद मिल सकती है। वहीं, नींबू और शहद का मिश्रण हल्की-फुल्की सर्दी-जुकाम और अच्छी नींद में सहायक हो सकता है (2)। इससे यह पुष्टि होती है कि बच्चे को नींबू पानी पिलाने के फायदे में बेहतर इम्युनिटी शामिल है।

हालांकि, ध्यान रहे कि एक साल से कम उम्र के बच्चों को शहद बिल्कुल न दें। एक साल से कम उम्र के बच्चे को शहद देने से बैक्टीरिया के कारण इन्फेंट बॉटुलिज्म की समस्या हो सकती है (3)। यह शिशु के गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट (जठरांत्र मार्ग) को प्रभावित कर स्वास्थ्य समस्या का कारण बन सकता है (4)।
3. पानी


हेल्थ ड्रिंक्स के तौर पर बच्चे को पानी पीने के फायदे भी हो सकते हैं। दरअसल, पानी न सिर्फ बच्चे की प्यास बुझा सकती है, बल्कि उनका ज्ञान संबंधी विकास भी बेहतर कर सकता है। इसकी पुष्टि खुद एनसीबीआई का यह शोध करता है। शोध के अनुसार, अगर बच्चे के शरीर में पानी की पूर्ति सही से हो, तो उसके याददाश्त में सुधार हो सकता है। साथ ही बच्चे में निर्जलीकरण और थकान (Fatigue) जैसी समस्या का जोखिम भी कम हो सकता है (5)। इतना ही नहीं, पानी पीने से बच्चे और किशोर के स्वस्थ वजन के साथ ही दांतों से जुड़ी परेशानियों से बचाव करने में भी मदद मिल सकती है (6)।

एक दिन में बच्चे के शरीर को कितनी मात्रा में पानी की आवश्यकता होती है, यह हम नीचे बच्चे के उम्र के अनुसार क्रमवार बता रहे हैं (7):

1 से 3 साल के बच्चे – प्रतिदिन 6 कप पानी (1300 मिलीलीटर)

4 से 8 साल के बच्चे – प्रतिदिन 7 कप पानी (1700 मिलीलीटर)

9 से 13 साल के लड़के – प्रतिदिन 10 कप पानी (2400 मिलीलीटर)

9 से 13 साल की लड़कियां – प्रतिदिन 8-9 कप पानी (2100 मिलीलीटर)

14 से 18 साल के लड़के – प्रतिदिन 15 कप पानी (3300 मिलीलीटर)

14 से 18 साल की लड़कियां – प्रतिदिन 9 कप पानी (2300 मिलीलीटर)

19 व इससे बड़े उम्र के पुरुष – प्रतिदिन 18 कप पानी (3700 मिलीलीटर)

19 व इससे बड़ी उम्र की महिलाएं – प्रतिदिन 12 कप पानी (2700 मिलीलीटर)

4. संतरे का रस


बच्चों के लिए हेल्थ ड्रिंक्स में अगली जानकारी संतरे के रस की है। संतरे के जूस के फायदे से जुड़े एक शोध से पता चलता है कि बच्चे के आहार में संतरे का जूस शामिल करने से शरीर में आयरन के अवशोषण को बढ़ाया जा सकता है (8)। इससे बच्चे में एनीमिया का जोखिम कम किया जा सकता है, क्योंकि एनीमिया यानी खून की कमी का सबसे आम कारण शरीर में आयरन की कमी को माना जाता है (9)।

नोट : फलों के मुकाबले फलों के रस में फाइबर और प्रोटीन की मात्रा कम होती है। साथ ही इसमें शुगर की भी मात्रा अधिक होती है, जो वजन बढ़ने का कारण भी बन सकते हैं (10)। ऐसे में फलों के जूस का सेवन संतुलित मात्रा में करना चाहिए।
5. दूध से बने हेल्थ ड्रिंक्स

बच्चे के लिए दूध भी एक महत्वपूर्ण हेल्थ ड्रिंक होता है। दूध में कैल्शियम, विटामिन ए, डी होने के साथ-साथ अन्य कई पोषक तत्व मौजूद हैं। ये बच्चे की हड्डियों को मजबूत बनाने और पोषण देने में मदद कर सकते हैं (11)। इसलिए, 12 माह से बड़े उम्र के बच्चों को गाय का पाश्चराइज्ड दूध पीने की सलाह दी जाती है (12)। हालांकि, यह ध्यान रखें कि अधिक मात्रा में दूध युक्त पेय पदार्थ पीने से बच्चे का पेट जल्दी भर सकता है, जिससे वह अन्य आहार खाने में कमी कर सकते हैं (13)।

वहीं, एक साल से कम उम्र के शिशुओं को गाय का दूध न दें, क्योंकि गाय के दूध में मौजूद प्रोटीन और वसा को शिशु पचा नहीं पाते हैं। इससे बच्चे में पेट संबंधी समस्या हो सकती है। साथ ही उन्हें गाय के दूध से एलर्जी का जोखिम भी हो सकता है (14) ।
6. ओट्स मिल्क (दलिया से बने हेल्थ ड्रिंक)


बच्चों के लिए हेल्थ ड्रिंक्स में ओट्स यानी दलिया के दूध से बने पेय भी शामिल कर सकते हैं। ओट्स मिल्क कई तरह के डायटरी फाइबर, फाइटोकेमिकल्स और उच्च पोषक तत्वों से समृद्ध होता है। इसमें हाइपोकोलेस्टेरोलेमिक (Hypocholesterolemic – कोलस्ट्रॉल बढ़ने से रोकने वाला) और एंटी कैंसर गुण भी होते हैं। इसका सेवन हानिकारक कोलेस्ट्रॉल और खून में शुगर की मात्रा को कम करने में सहायक हो सकता है। इसके साथ इसमें प्रोटीन, फाइबर और एमिनो एसिड होते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए लाभकारी हो सकते हैं (15)। इन गुणों और पौष्टिक तत्वों के आधार पर कहा जा सकता है कि ओट्स के फायदे में कैंसर, मधुमेह व कोलेस्ट्रॉल का जोखिम कम करना शामिल है। ऐसे में बच्चों में इन बीमारियों का जोखिम कम करने के लिए ओट्स मिल्क अच्छा विकल्प हो सकता है।
7. सब्जियों का रस


सब्जियों के रस को भी हेल्थ ड्रिंक फॉर किड्स की लिस्ट में शामिल कर सकते हैं। दरअसल, फल और सब्जियों में प्रभावशाली पॉलीफेनोल्स होते हैं, जो एंटीऑक्सीडेंट, इम्यूनोमॉड्यूलेटरी और एंटीमाइक्रोबियल गतिविधि प्रदर्शित करते हैं। इनमें मौजूद फाइबर हृदय रोग, कैंसर और बच्चों में मधुमेह के जोखिम कम कर सकते हैं (16)। साथ ही यह बच्चे के पेट को स्वस्थ रखने में भी उपयोगी हो सकते हैं। पाचन ऐसे में बच्चे के आहार में सब्जियों का ताजा रस भी शामिल करना लाभकारी माना जा सकता है। ध्यान रखें कि बच्चे को फल या सब्जी का जूस कम चीनी बिना कलर के मिलावट के ही दें।
8. सोया मिल्क (सोयाबीन से बना गैर-डेयरी पेय)

कहा जाता है कि सोया मिल्क की उत्पत्ति 2 हजार साल पहले चीन में हुई थी। इसका उद्देश्य उन इलाकों में पोषक तत्वों की पूर्ति करनी थी, जहां पर दूध की पूर्ति बहुत कम थी। सोयाबीन से बना दूध भी प्लांट बेस्ड मिल्क होता है। इसका मतलब है कि ऐसे बच्चे जिन्हें पशु दूध से एलर्जी है, वे सोया मिल्क पी सकते हैं। इसमें आवश्यक मोनोअनसैचुरेटेड और पॉलीअनसेचुरेटेड फैटी एसिड होते हैं। साथ ही इसमें आइसोफ्लेवोंस (Isoflavones – एक सक्रिय घटक) भी होता है, जो हृदय रोग, कैंसर और ऑस्टियोपोरोसिस (कमजोर हड्डियों की बीमारी) से बचाव कर सकता है। साथ ही इसका सेवन कोलेस्ट्रॉल के जोखिम को भी कम कर सकता है (15)। इस लिहाज से हेल्थ ड्रिंक फॉर किड्स में सोया मिल्क को भी शामिल किया जा सकता है।

ध्यान रखें कि कुछ बच्चों में सोया दूध या सोया से एलर्जी जैसे – खुजली, मतली, चक्कर आना, त्वचा का लाल होने की समस्या हो सकती है (17)। ऐसे में उन्हें इसका सेवन कराने से पहले डॉक्टरी सलाह जरूर लें।
9. हल्दी दूध

हेल्थ ड्रिंक फॉर किड्स के तौर पर बच्चे को हल्दी दूध भी पीने के लिए दिया जा सकता है। एक अध्ययन के मुताबिक, हल्दी का एंटी-इंफ्लेमेटरी प्रभाव बच्चों में इंफ्लेमेटरी बाउल डिजीज (Inflammatory bowel disease – पाचन तंत्र संबंधी परेशानी) की समस्या को कुछ हद तक कम कर सकता है। हलांकी, इसके साथ दवाइयों के सेवन की बात भी शोध में कही गई है (18)। इसके अलावा, हल्दी में एंटीसेप्टिक (antiseptic) प्रभाव भी होता है, जो लंबे समय से हो रही खांसी और गले में खराश की समस्या से राहत दिला सकता है। इसके लिए एक कप गुनगुने दूध में चुटकीभर या आधा चम्मच हल्दी मिलाकर पीना लाभकारी हो सकता है (19)। बता दें कि बच्चे के कम्प्लीमेंटरी फूड में हल्दी को शामिल किया जा सकता है (20)। बच्चे के 6 महीने के होने के बाद दी जाने वाले थोड़े बहुत ठोस आहार को कॉम्प्लिमेंटरी फूड कहते हैं (21)। वहीं, हल्दी युक्त खाद्य पदार्थ से एलर्जी की समस्या हो सकती है। ऐसे में बेहतर है डॉक्टरी परामर्श भी ली जाए।
10. नारियल के दूध से बने पेय

बच्चों के लिए हेल्थ ड्रिंक्स में नारियल का दूध भी शामिल किया जा सकता है। यह फैट, फाइबर और विटामिन ई व सी के साथ ही आयरन, कैल्शियम, पोटेशियम, मैग्नीशियम और जिंक जैसे मिनरल्स से भी समृद्ध होता है (22)। साथ ही इसमें सैचुरेटेड फैट और लॉरिक एसिड भी होता है, जो मां के दूध में भी होता है। इसमें मौजूद ये मुख्य तत्व बच्चे के मस्तिष्क के विकास, रोग प्रतिरोधक क्षमता व रक्त वाहिकाओं की इलास्टिसिटी (Elasticity) बढ़ाने में भी मदद कर सकता है। इसके अलावा यह पाचन में भी मदद कर सकता है। इसके साथ ही इसमें मौजूद विटामिन ई त्वचा को पोषण प्रदान कर सकता है (15)।

नोट : बच्चे को हर दिन एक कप तक हेल्थ ड्रिंक दी जा सकती है। हालांकि, बच्चे को देने वाली हेल्थ ड्रिंक की मात्रा उनके उम्र और स्वास्थ्य स्थिति के अनुसार अलग-अलग हो सकती है। ऐसे में बच्चे को कितनी मात्रा में हेल्थ ड्रिंक देना है, इसकी जानकारी शिशु विशेषज्ञ जरूर लें।

हेल्थ ड्रिंक फॉर किड्स जानने के बाद अब हम बच्चों के लिए नुकसानदेह पेय की भी जानकारी दे रहे हैं।
बच्चों के लिए 5 नुकसानदेह पेय | Unhealthy Drinks for Kids in Hindi

अब पढ़ें बच्चों के लिए नुकसानदेह पेय पदार्थ। यहां हम ऐसे 5 पेय पदार्थ बता रहे हैं, जिनका सेवन बच्चे के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है।
1. कोल्ड ड्रिंक्स / सोडायुक्त पेय


बच्चों के लिए नुकसानदेह पेय में कोल्ड ड्रिंक्स जैसे पेय पदार्थ भी शामिल किए जा सकते हैं। सोडा या एनर्जी ड्रिंक में चीनी के साथ कैलोरी और कैफीन की भी भरपूर मात्रा होती है। इसके अलावा, इनमें पोषक तत्व भी न के बराबर होते हैं। जिस वजह से इनका सेवन कम से कम करना चाहिए (23)। साथ ही इनमें मौजूद अधिक कैलोरी वजन भी बढ़ा सकती है (24)। जिस वजह से बच्चे में वजन बढ़ने का जोखिम हो सकता है।
2. मीठे पेय पदार्थ


मीठे पेय यानी शुगर का इस्तेमाल किए हुए पेय या ड्रिंक्स पीना बच्चों के आहार की गुणवत्ता को घटा सकता है। इस तरह के सॉफ्ट ड्रिंक्स में शुगर यानी आर्टिफिशियल स्वीटनर (Artificial Sweeteners) का इस्तेमाल होता है, जो बच्चे के वजन बढ़ने और खराब ओरल हेल्थ के जोखिम को बढ़ा सकता है। साथ ही यह बच्चे में मीठे पेय पीने की आदत का कारण भी बन सकता है (25)। यही वजह है कि बच्चों को अतिरिक्त शुगर या आर्टिफिशियल स्वीटनर के इस्तेमाल से बने मीठे पेय पीने से बचाव करना चाहिए।
3. कैफीन युक्त पेय (चाय/कॉफी)


कैफीन का इस्तेमाल कई तरह के पेय बनाने में किए जाते हैं, जिनमें चाय, कॉफी और कई तरह के सॉफ्ट ड्रिंक्स शामिल हैं। इनमें ऐसे कई प्रभाव होते हैं, जो कुछ हद तक एनर्जी बढ़ा सकते हैं। हालांकि, इसके कुछ दुष्प्रभाव जैसे – कैल्शियम के अवशोषण में बाधा, सीने में जलन (Heartburn), उच्च रक्तचाप का जोखिम भी हो सकता है। इसके अलावा, अधिक मात्रा में इनका सेवन करने से नीचे बताई गई समस्याएं भी हो सकती है, जो कुछ इस प्रकार हैं (26):

बेचैनी होना।

अनिद्रा की समस्या होना।

सिरदर्द की समस्या।
चक्कर आना।

ह्रदय की गति असामान्य होना।

डिहाइड्रेशन होना।

चिंता या घबराहट होना।

4. एनर्जी ड्रिंक


बाजार में शरीर की ऊर्जा बढ़ाने वाले कई तरह के पेय उपलब्ध हैं। इनमें कई तरह के तत्व जैसे – कैफीन, शुगर मौजूद होते हैं। ऐसे में इनका सेवन करना बच्चों के लिए नुकसानदायक हो सकता है। दरअसल, एनर्जी ड्रिंक ऊर्जा तो बढ़ा सकते हैं, लेकिन बाद में ये तंत्रिका तंत्र पर हानिकारक प्रभाव डाल सकते हैं। इतना ही नहीं, एनर्जी ड्रिंक से कुछ अन्य नुकसान भी हो सकते हैं, जो कुछ इस प्रकार हैं (27):

डिहाइड्रेशन होना।

अनियमित ह्रदय गति होना।

चिंता होना।

सोने में परेशानी होना।

इस वजह से एनर्जी ड्रिंक्स को भी बच्चों के लिए नुकसानदेह पेय की श्रेणी में रखना गलत नहीं होगा।
5. फ्लेवर्ड मिल्क


बच्चों के लिए नुकसानदेह पेय में फ्लेवर्ड मिल्क भी शामिल है। दरअसल, लेख में बताए गए अन्य नुकसानदायक पेय की ही तरह इनमें भी अतिरिक्त शुगर होता है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर मौजूद एक शोध से यह पता चलता है कि अधिकतर बच्चे सादे दूध की तुलना में फ्लेवर्ड मिल्क पीना अधिक पसंद करते हैं। इतना ही नहीं, इस शोध में यह भी बताया गया है कि फ्लेवर्ड मिल्क पीना अधिक वजन वाले बच्चों के लिए चिंता का विषय भी बन सकता है (28)। वहीं, एक अन्य शोध बताता है कि फ्लेवर्ड मिल्क पीने से वजन, फैट बढ़ने (Adiposity Risk) या मोटापे का जोखिम बढ़ सकता है 29। यही वजह है कि बच्चों को इस तरह के दूध या जूस पीने के लिए कम से कम देना चाहिए।

आशा है कि इस लेख से आपको अपने बच्चे के लिए हेल्दी और अनहेल्दी ड्रिंक के बीच छिपे अंतर को पहचानने में मदद मिली होगी। ऐसे में बच्चे को स्वस्थ ड्रिंक देने के लिए आप इस लेख में बताए गए विभिन्न हेल्दी ड्रिंक्स को घर में बनाकर उन्हें दे सकते हैं। हालांकि, इनकी भी मात्रा सीमित ही रखें, क्योंकि किसी भी खाद्य या चीज की अधिकता नुकसानदायक होती है। जरूरत पड़े तो शिशु विशेषज्ञ से इस बारे में जानकारी लें। यहां बताए गए हेल्थ ड्रिंक फॉर किड्स बड़ो के लिए भी लाभकारी हो सकते हैं। उम्मीद करते हैं यह लेख आपके लिए उपयोगी होगा। इस लेख को अन्य लोगों के साथ शेयर कर हर किसी को हेल्थ ड्रिंक फॉर किड्स से जुड़ी जानकारियों से अवगत कराएं।

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wordpress 1 year ago 5 Answer
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