बच्चों की छाती जाम होने पर क्या करना चाहिए?pregnancytips.in

Posted on Mon 17th Oct 2022 : 16:10

बड़ों के मुकाबले बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है (1)। यही वजह है कि उनमें शारीरिक समस्याओं का जोखिम ज्यादा रहता है। इसलिए, बच्चों की सही देखभाल बहुत जरूरी है। बच्चे कई शारीरिक समस्याओं के चपेट में आ सकते हैं, जिनमें छाती में कफ जमना भी शामिल है। वहीं, लापरवाही की स्थिति में यह समस्या गंभीर परिणाम भी प्रदर्शित कर सकती है। इसलिए, मॉमजंक्शन के इस लेख में हम बच्चों की छाती में कफ जमने से जुड़ी जरूरी जानकारी देने जा रहे हैं। यहां आप बच्चों की छाती में कफ जमने के कारण, लक्षण और राहत के लिए घरेलू उपचार जान पाएंगे। पूरी जानकारी के लिए लेख को अंत तक जरूर पढे़ं।

चलिए, सबसे पहले बच्चों की छाती में कफ के जमने को समझ लेते हैं।
बच्चों की छाती में कफ का जमना क्या होता है?

बच्चों में चेस्ट कंजेशन यानी छाती में बलगम जमने की समस्या है। इस समस्या में बच्चे के फेफड़ों और ब्रांकाई (निचली श्वासनली) में बलगम का जमाव हो जाता है। यह समस्या आमतौर पर बच्चों को सामान्य सर्दी या ऊपरी श्वसन पथ के संक्रमण (यूआरटीआई) के लक्षणों के रूप में सामने आ सकती है। वहीं, इस स्थिति में कई बार बच्चों को सांस लेने में तकलीफ हो सकती है (2)। इसलिए, इस समस्या का उपचार जरूरी हो जाता है।


बच्चों की छाती में कफ जमने का कारण

अगर किसी समस्या का कारण पता चल जाए, तो उसका इलाज ठीक प्रकार से किया जा सकता है। इसी वजह से हम नीचे बच्चों की छाती में कफ जमने के कारण बता रहे हैं, जो इस प्रकार हैं :

अपर रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट इंफेक्शन : छाती में बलगम जमने की समस्या अपर रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (एक वायरल संक्रमण जो नाक, गले और वायुमार्ग को प्रभावित करता है) के कारण भी हो सकती है (2)।

एक्यूट ब्रोंकाइटिस : इसे चेस्ट कोल्ड के नाम भी जाना जाता है। इसमें फेफड़ों में मौजूद वायुमार्ग सूज जाते हैं और फेफड़ों में बलगम का निर्माण होता है (3)। इस समस्या के कारण भी चेस्ट कनजेशन हो सकता है।

एसिड रिफ्लक्स : एसिड रिफ्लक्स (पेट में मौजूद सामग्री का वापस अनप्रणाली में आना) कई फेफड़ों से जुड़ी समस्याओं का जोखिम खड़ा कर सकता है, जिसमें छाती में बलगम का जमाव भी शामिल है। इस बात की पुष्टि एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन) की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध में होती है (4)।

सर्दी : छोटे बच्चों को सर्दी होने पर छाती में कफ जमने की समस्या हो सकती है। ऐसे में कफ से राहत पाने के लिए सर्दी का जल्दी से जल्दी उपचार कराना चाहिए (5)।

सिस्टिक फाइब्रोसिस : यह एक प्रकार की जेनेटिक समस्या होती है, जिसके कारण फेफड़ों में मोटा बलगम का निर्माण होने लगता है। इससे छाती में कफ जमना शुरू हो सकता है (6)।

बच्चों की छाती में कफ जमने के लक्षण से जुड़ी जानकारी नीचे दी गई है।
बच्चों की छाती में कफ जमने के लक्षण

बच्चों की छाती में कफ जमने के लक्षण कुछ इस प्रकार सामने आ सकते हैं (2) (7) :

खांसी आना
खांसी के साथ मुंह से बलगम का बाहर आना
सांस लेने में तकलीफ
सीने में जकड़न महसूस होना
छाती में भारीपन लगना
छाती में दर्द
घरघराहट
सोने में तकलीफ होने के कारण थकान महसूस हो सकती है।
बच्चों में बुखार, सिरदर्द, गले में दर्द या बहती नाक (अपर रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट इंफेक्शन के कारण होने पर)।

आइए, अब जान लेते हैं कि छाती में कफ जमने पर डॉक्टर की सलाह कब लेनी चाहिए।
डॉक्टर से कब परामर्श करें

अगर किसी बच्चे की छाती में कफ जमने पर नीचे बताई जा रही समस्याएं दिखाई देने लगें, तो बिना देरी किए बच्चे को डॉक्टर के पास लेकर जाना चाहिए :

सांस लेने में परेशानी होने पर बच्चे को तुरंत डॉक्टर से पास ले जाएं।

अगर बच्चे को बुखार आ गया हो।

अगर बच्चा खाने से मना कर रहा हो।

बच्चे के सांस लेने पर घरघराहट की आवाज सुनाई देना।

चलिए, आगे जानते हैं कि बच्चों को छाती में कफ जमने से किस तरह की परेशानी हो सकती है।
बच्चों की छाती में कफ जमने से होने वाली परेशानियां

बच्चों की छाती में कफ जमने के कारण उन्हें निम्नलिखित परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है (2):

अगर किसी बच्चे को छाती में कफ जमने की समस्या है, तो उसे सांस लेने में परेशानी हो सकती है।

छाती में कफ जमने के कारण बच्चों को छाती में दर्द हो सकता है।

बच्चा नींद न आने की समस्या से भी जूझ सकता है।

नोट : ऊपर बताई गई परेशानियों के अलावा भी बच्चा कई अन्य समस्याओं का सामना कर सकता है, जिन्हें जानने के लिए आप एक बार डॉक्टर से संपर्क जरूर करें।

स्क्रॉल करके जानिए बच्चों की छाती में जमे हुए कफ के लिए घरेलू उपचार।
बच्चे की छाती में जमे हुए कफ को निकालने के लिए 6 घरेलू उपचार

बच्चों की छाती में जमे कफ को घरेलू उपाय के मदद से कुछ हद तक कम किया जा सकता है। इसके लिए नीचे बताए जा रहे नुस्खों का सहारा लिया जा सकता है।

ह्यूमिडिफायर : बच्चों की छाती में कफ को कम करने का सबसे अच्छा तरीका उनके कमरे में ह्यूमिडिफायर लगाना हो सकता है। यह श्वसन नली से बलगम को बाहर निकालने और खांसी व कंजशन को ठीक करने में सहायता कर सकता है। साथ ही मोल्ड (एक प्रकार का फंगस) या बैक्टीरिया के निर्माण को रोकने का भी काम कर सकता है (8)।


लहसुन : सर्दी-जुकाम के कारण बच्चों की छाती में कफ जमना शुरू हो सकता है (5)। इससे लहसुन का उपयोग करना फायदेमंद हो सकता है। दरअसल, लहसुन सर्दी-जुकाम से छुटकारा दिलाकर छाती में कफ जमने से बचाव कर सकता है (9)। वहीं, बच्चों को इसका सेवन कराने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें।

नींबू : नींबू का उपयोग भी चेस्ट कंजेशन को कम करने में मदद कर सकता है। जैसा कि हमने ऊपर बताया कि कॉमन कोल्ड यानी सर्दी भी चेस्ट कंजेशन का एक कारण हो सकती है। ऐसे में नींबू का उपयोग सर्दी से निजात दिलाने में मदद कर सकता है (10)। वहीं, नींबू का सेवन बच्चों के लिए सुरक्षित माना गया है (11)। सर्दी के लिए बच्चों को नींबू के रस की कुछ बूंद शहद के साथ दी जा सकती है।

हल्दी : छाती में कफ जमने से छुटकारा पाने के लिए हल्दी का उपयोग एक अच्छा उपाय साबित हो सकता है। दरअसल, अजवाइन के साथ हल्दी का उपयोग बच्चों में सर्दी से निजात दिलाने में कुछ हद तक मददगार हो सकता है (12)। इससे चेस्ट कनजेशन से बचाव हो सकता है।

सूप : सर्दी से छुटकारा पाकर कफ को जमने से रोका जा सकता है। इसके लिए बच्चों को उनके पसंदीदा सूप का सेवन कराना लाभकारी साबित हो सकता है। दरअसल, यह सूप सर्दी को ठीक करने का काम कर सकता है, जिससे छाती में कफ जमने का जोखिम कम हो सकता है (13)। फिलहाल, इस विषय पर अभी और शोध किए जाने की आवश्यकता है।
सरसों तेल से मालिश : जैसा कि हमने ऊपर बताया कि सर्दी-जुकाम के कारण भी बच्चों की छाती में कफ जमने की समस्या हो सकती है। ऐसे में सरसों के तेल से की गई मसाज सर्दी में कुछ हद तक राहत देने का काम कर सकती है, जिससे चेस्ट कनजेशन से बचाव हो सकता है (14)।

नोट : बच्चों के लिए ऊपर बताए गए घरेलू उपचार अपनाने से पहले एक बार डॉक्टरी सलाह जरूर लें।

बच्चों की छाती में कफ जमने का इलाज नीचे बताया गया है।
बच्चों की छाती में कफ के लिए ट्रीटमेंट

जैसा कि हमने ऊपर बताया कि छाती में कफ जमने के पीछे कई कारण हो सकते हैं। ऐसे में डॉक्टर समस्या का सटीक कारण जानकर समस्या का इलाज कर सकते हैं। जैसे अगर बच्चे को सर्दी की वजह से छाती में कफ जमने की समस्या हो रही है, तो डॉक्टर सर्दी को दूर करने वाली दवा की सलाह दे सकते हैं। इसके अलावा, छाती में कफ जमने के लक्षणों (बुखार, खांसी या अन्य) को ठीक करने की दवा भी डॉक्टर दे सकते हैं। यह समस्या बच्चों से जुड़ी है, इसलिए अपनी मर्जी से कोई भी दवा बच्चे को न दें।

चलिए, जानते हैं कि बच्चों को छाती में कफ की समस्या से कैसे बचाया जा सकता है।
बच्चों की छाती में कफ से बचाव

बच्चों की छाती में कफ के जमाव से बचाव के लिए निम्नलिखित बातों का ध्यान रखा जा सकता है :

बच्चों के शरीर और कमरे की स्वच्छता को बनाए रखें।

किसी भी संक्रमण से बचने के लिए बच्चों का टीकाकरण जरूर करवाएं।

बच्चों को भोजन कराने से पहले अपने और बच्चों के हाथों को अच्छी तरह साफ करें।

बच्चे को हमेशा साफ कपड़े पहनाएं और सर्दियों में खास ध्यान रखें।

बच्चों के पोषण का पूरा ध्यान रखें।

समय-समय पर बच्चे का बॉडी चेकअप जरूर करवाएं।


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