बच्चे खांसी की दवा कब ले सकते हैं?pregnancytips.in

Posted on Fri 11th Nov 2022 : 09:30

बच्चों को खाँसी होना बहुत ही आम बात है। प्रायः यह देखा जाता है कि जब भी बच्चे को खांसी होती है तो माता-पिता बहुत घबरा जाते हैं और तुरंत डॉक्टर से सम्पर्क करते हैं। आपको घबराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि खाँसी कोई बीमारी नहीं है। यह शरीर में हो रही किसी और परेशानी का संकेत होती है। क्या आपको पता है कि आप आयुर्वेदिक तरीके से भी बच्चों की खांसी का इलाज (Home Remedies for Cough in Kids) कर सकते हैं। क्या आप जानते हैं कि बच्चों की खांसी के इलाज के लिए रामबाण दवा क्या है। एक-दो नहीं बल्कि बच्चों की खांसी के लिए अनेक घरेलू उपाय (khasi ki dawa) हैं जिसकी सहायता से आप बच्चों की खांसी का उपचार कर सकते हैं।



Cough in kids home remedies

छोटे बच्चों को सर्दी और खांसी बार-बार होती है, और इसके लिए बार-बार डॉक्टर से परामर्श लेना पड़ता है। ऐलोपैथिक दवाओं का अधिक सेवन करने से बच्चों के शरीर पर बुरा असर भी पड़ता है। इसलिए आप आयुर्वेदिक तरीकों का प्रयोग कर सकते हैं। आइए जानते हैं कि बच्चों की खांसी के लिए घरेलू उपाय, कफ निकालने के उपाय क्या-क्या हैं। यह भी जानते हैं कि बच्चों की खांसी के इलाज (khansi ka ilaj) के लिए किस-किस दवा का इस्तेमाल किया जाता है।



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बच्चों की खांसी (Cough in Children)

बच्चों को सर्दी-जुकाम और खाँसी अधिक हो जाती हैं। खांसी रोगों के बारे में चेताने के लिए शरीर द्वारा की गई एक प्रतिक्रिया है। शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने के कारण, तथा वायरल इन्फेक्शन (Viral infection) के कारण श्वास नलिका में सूजन आ जाती है। इससे बच्चों को खाँसी हो जाती है।


बच्चों की खाँसी के प्रकार (Types of Cough in Kids)

आयुर्वेद के अनुसार, खांसी पाँच तरह की होती है, जिनका नाम वातज, पित्तज, कफज और क्षतज और क्षयज खांसी है। वातज, पित्तज और कफज त्रिदोष से संबंधित हैं, लेकिन क्षतज और क्षयज किसी दूसरे कारणों से होती है। यह खांसी ज्यादा खतरनाक होती हैं। इनकी पहचान ऐसे की जा सकती हैंः-

वातज खांसी

वातज खाँसी में कफ बेहद कम निकल पाता है, या बिल्कुल नहीं निकलता। कफ निकालने की कोशिश में खाँसी लगातार परेशान करती है। पसलियों, पेट, छाती वगैरह में दर्द होने लगता है।

पित्तज खांसी

पित्तज खाँसी में कफ का स्वाद कड़वा होता है। खाँसते-खाँसते उल्टी हो जाए, तो पीला, कड़वा पित्त निकलता है। प्यास लगती है। शरीर में जलन होती है।

कफज खांसी

कफज खाँसी में कफ ढीला होकर आसानी से निकलता रहता है। कफ का स्वाद मीठा और मुँह का स्वाद फीका हो जाता है। भोजन के प्रति अरुचि हो जाती है। आलस्य छाया रहता है।

क्षतज खांसी

क्षतज खाँसी अलग कारणों से पैदा होती है। यह भारी बोझ उठाने, शरीर द्वारा अधिक ताकत लगाने, ज्यादा क्रोध करने आदि के कारण होती है।

क्षयज खांसी

क्षयज खाँसी सबसे ज्यादा घातक होती है। यह संक्रामक होती है। इसमें शरीर को नुकसान होने लगता है। यह टीबी रोग का शुरुआती संकेत होती है। इसमें शरीर में बुखार और दर्द रहने लगता है। शारीरिक कमजोरी बढ़ जाती है। इसके इलाज (khansi ka ilaj) में देरी ठीक नहीं होती।

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