बच्चे का सिर गोल करने के लिए क्या करें?pregnancytips.in

Posted on Fri 11th Nov 2022 : 09:30

बहुत बच्चों का सिर चपटा होता है, क्योंकि उन्हें सही तरीके से संभाला नहीं जाता। अगर आप नहीं चाहती हैं कि आपके बच्चे के साथ यह समस्या हो तो यहां बताए गए तरीके को अपनाएं।

​​सुलाने की दिशा बदलती रहें

बच्चे सोते वक्त कम हिलते-डुलते हैं। आप उसके सिर का डायरेक्शन हर एक घंटे में बदलती रहें। इससे उसकी पोजीशन अलग-अलग समय में बदली रहेगी। इस तरह उसके सिर के एक हिस्से में दबाव भी नहीं बनेगा।
​अलग-अलग जगह सुलाएं

बच्चे की सोने जगह बदलती रहें। आमतौर पर मांएं ऐसा नहीं करती हैं। जबकि बच्चे के लिए जरूरी है कि वह अपने आसपास अलग-अलग चीजें देखे। इससे वह जगे होने पर अपने आसपास नई चीजें देखने के लिए अपनी गर्दन खुद हिलाएगा। हिलते-डुलते रहने से सिर के चपटा होने की आशंका खुद ब खुद कम हो जाएगी।

बच्चे के लिए ऐसा तकिया लें, जो सपाट हो। टेढ़ा-मेढ़ा तकिया बच्चे को सोने के लिए न दें। इससे बच्चे को असहजता होगी और उसको नींद भी अच्छी नहीं आएगी। इसका असर उसके सिर के शेप पर भी पड़ेगा।


​बच्चे को गोद में सुलाएं

छोटे बच्चे लगभग पूरा दिन सोते हैं। बहुत कम समय ऐसा होता है, जब बच्चे जगे रहते हैं। सोने के दौरान जाहिर है बच्चे पूरा समय बिस्तर पर बिताते हैं।

पूरे दिन में कोई एक समय ऐसा जरूर निकालें, जब वह आपकी गोद में सिर रख कर सोए। मां की गोद में बच्चों को बहुत अच्छी नींद आती है। इस दौरान बच्चे के सिर का भार, उसके सिर पर न होकर अपनी मां की गोद में होता है। इस तरह वह और अच्छी तरह आराम कर पाता है।
​उल्टा लेटाएं

हर समय जरूरी नहीं है कि बच्चा पीठ के बल ही लेटे। सोने के दौरान कभी-कभी 10 से 15 मिनट के लिए बच्चे को उसके पेट के बल लेटने दें।

दिन में तीन बार ऐसा कर सकती हैं। इससे सिर चपटा होने से तो बचेगा, साथ ही उसकी मांसपेशियां मजबूत होंगी। यह उसके शारीरिक विकास के लिए भी जरूरी है।

जब भी बच्चे को उसके पेट के बल लेटाएं, उसकी ओर नजर रखें। यदि वह असहज है या रोता है, तो उसे तुरंत उसे पीठ के बल लेटा दें।

​बच्चे को गोद में उठाएं

बच्चा जब जगा हो तो उसे अपनी गोद में रखें। बच्चे को ऐसी किसी चीज पर न बैठाएं, जिस वजह से बच्चा अपने वजन को संभाल न पाएं। ध्यान रखें कि बच्चा बहुत छोटा है, उसके लिए अभी संभव नहीं है कि अपने भार को संभल सके। उसके सिर को यदि आप ठीक से नहीं पकड़ती हैं, तो वह एक ओर लुढ़क जाता है। इससे बच्चे की गर्दन में लचक आ सकती है।

बच्चे को हर समय बिस्तर पर सुलाए रखना सही नहीं है। इससे उसके सिर का पिछला हिस्सा पूरी तरह चपटा हो जाएगा। जगे होने पर उसे गोद में लेकर पूरे घर की सैर कराएं। छत पर ले जाएं। यहां-वहां की चीजें दिखाएं। बच्चा फ्रेश फील करेगा और सिर के चपटा होने की गुंजाइश कम होगी।
​दूध पिलाते समय साइड बदलती रहें

डाॅक्टरों के मुंह से आपने सुना होगा कि एक साइड से बच्चे को दूध न पिलाएं। बच्चे को दोनों साइड से ब्रेस्ट फीडिंग करानी चाहिए। यह मां और शिशु दोनों के लिए जरूरी है।

शिशु जब डाइरेक्शन बदलकर मां का दूध पीता है तो एक बार सिर का बाया हिस्सा और एक बार सिर का दाया हिस्सा मां की गोद से चिपकता है।

इस तरह सिर के हर हिस्से पर बारी-बारी से दबाव बनता है, जो कि सिर को चपटा नहीं होने देता।

​सही से देखरेख करें

जैसे-जैसे बच्चा बड़ा होता जाता है, उसका सिर मजबूत होता जाता है और लचीलापन भी कम हो जाता है। इसलिए समय रहते उसके सिर की सही से देखरेख करें। यदि एक बार सिर की पाॅजिशन फिक्स हो गई, तो उसे आप भविष्य में कभी नहीं बदल पाएंगी।

इसलिए मां को यह सुझाव दिया जाता है कि अपने बच्चे की स्लीपिंग पाॅजिशन पर हर समय नजर रखे। समय-समय पर उसकी सोने की दिशा बदले और गोद में लेते वक्त भी बच्चे के सिर की ओर खास ध्यान दें।

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