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दूरबीन विधि से एक छेद कर ऑपरेशन संभव
इटावा, जागरण संवाददाता : लैप्रोस्कोपी अर्थात दूरबीन विधि से ऑपरेशन करने को लेकर लोगों में भ्रांतियां
इटावा, जागरण संवाददाता : लैप्रोस्कोपी अर्थात दूरबीन विधि से ऑपरेशन करने को लेकर लोगों में भ्रांतियां हैं जबकि चीरा विधि की अपेक्षा दूरबीन विधि में मरीज को ज्यादा लंबे समय तक हॉस्पिटल में भर्ती नहीं रहना पड़ता। इसके साथ ही पेट पर एक या चार छेद कर हार्निया, एपेंडिक्स, ट्यूमर व पथरी का सफल ऑपरेशन किया जा सकता है। इसमें समय कम लगता है और खून की भी जरूरत न के बराबर होती है। दूरबीन विधि का एक अन्य लाभ यह है कि इसमें पेट में चीरा व टांके नहीं लगते और सिर्फ एक छेद नाभि में होने से पेट कटने के कोई निशान भी नहीं आते। यह कहना है सैफई ग्रामीण आयुर्विज्ञान एवं अनुसंधान संस्थान में सर्जरी विभाग के यूनिट इंचार्ज डा. विकास ¨सह का। वे दैनिक जागरण कार्यालय में जागरण प्रश्न प्रहर कार्यक्रम के दौरान पाठकों की सर्जरी संबंधी समस्याओं फोन पर निदान सुझा रहे थे।
डा. विकास ने बताया कि दूरबीन विधि से ऑपरेशन को लेकर लोगों में जागरुकता का अभाव है। इसके लिए लैप अवेयर नामक अभियान के माध्यम से लोगों को इससे परिचित कराने के लिए रिम्स में जल्द ही कवायद शुरू किए जाने की संभावना है। प्रस्तुत हैं लोगों की समस्याएं व उनके निदान।
सवाल: डायबिटीज, ब्लड प्रेशर की समस्या है और मोटापा भी बहुत ज्यादा है। गॉल ब्लैडर की पथरी का दूरबीन से ऑपरेशन कराने के लिए क्या एम्स ही जाना होगा?
- शाइस्ता खां, पीएसी
जवाब: सैफई रिम्स में दूरबीन विधि से ज्यादा मोटे लोगों का भी ऑपरेशन किया जाता है, इस विधि में चीरा नहीं लगता।
सवाल: 60 वर्षीय पत्नी का पित्त की थैली में पथरी का ऑपरेशन मार्च में चीरा विधि से करवाया था, अब छाती में सूजन है।
- अतर ¨सह, विजय नगर
जवाब: सैफई रिम्स में बुधवार व शनिवार को दिखा सकते हैं।
सवाल: प्रोस्टेट ग्रंथि का दूरबीन विधि से ऑपरेशन संभव है?
- शंकर नारायण अग्रवाल, मिश्री टोला
जवाब: कुछ जांचों के बाद बताया जा सकता है। रिम्स सैफई में उपलब्ध है।
सवाल: दोनों गुर्दों में 7 एमएम की कई पथरी हैं, आगरा से दवा चल रही है। क्या बिना ऑपरेशन के ठीक हो सकता है।
- सुमित यादव, सरस्वती नगर
जवाब: रंगीन एक्सरे देखने के बाद बताया जा सकता है। दर्द ज्यादा हो या पेशाब में रुकावट हो तो ऑपरेशन करना होगा।
सवाल: लोग कहते हैं कि दूरबीन विधि से ऑपरेशन कराने के बाद गैस बनने, पथरी दोबारा बनने जैसी समस्याएं आती हैं।
- राजू, अशोक नगर
जवाब: किसी भी नई चीज या पद्धति को अपनाने से पहले ऐसी दिक्कतें आती हैं। सर्जन की कुशलता पर निर्भर है ऑपरेशन की सफलता। रिम्स सैफई में सैकड़ों ऑपरेशन दूरबीन विधि से किए जाते हैं।
सवाल: बड़ी आंत में गांठ का पता कोलॉनोस्कोपी से चला था, क्या ऑपरेशन कराना जरूरी है।
- जमील अहमद, ऊसराहार
जवाब: 4 से 6 सप्ताह बाद रिपीट कोलॉनोस्कोपी करवा कर देखें, यदि पॉलिप में परिवर्तन आता है तो जरूरी है अन्यथा कोई दिक्कत नहीं। कुछ मामलों में कैंसर की संभावना भी होती है। अल्ट्रासाउंड में आंत के अंदर की चीजें स्पष्ट नहीं हो पातीं।
सवाल: गॉल ब्लेडर की पथरी का दूरबीन विधि से ऑपरेशन सफल है क्या?
- रामनरेश मिश्रा, उमरैन औरैया
जवाब: बिलकुल उतना कारगर है जितना चीरा विधि से होता है। दूरबीन विधि से बड़ा और स्पष्ट दिखने से गलती की गुंजाइश न के बराबर रहती है।
सवाल: गर्भ निरोधन के लिए दूरबीन विधि से कैप लगवाई थी। क्या उसे हटवाना संभव है।
- रेनू, औरैया
जवाब: माइक्रो सर्जरी के तहत रीकैनलाइजेशन नामक ऑपरेशन की सुविधा लखनऊ मेडिकल कॉलेज में है।
सवाल: 24 वर्षीय पत्नी को 4 साल पहले जुड़वां बच्चे हुए थे, उसका पित्त की थैली में पथरी का ऑपरेशन करवाना है।
- मुकेश यादव, कटेखेरा
जवाब: दूरबीन विधि से नाभि में सिर्फ एक छेद के द्वारा ऑपरेशन कर पथरी निकाल दी जाएगी। इससे पेट में कोई चीरा भी नजर नहीं आएगा।
सवाल: भगंदर का ऑपरेशन कराना जरूरी है क्या?
- अजय, बिधूना
- जांच कराने के बाद ही ऑपरेशन का प्रकार निर्धारित किया जा सकता है, लेकिन ऑपरेशन संभव है।
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