गर्भावस्था में चेहरे पर झाइयां?pregnancytips.in

Posted on Mon 12th Nov 2018 : 03:01

गर्भावस्था में चेहरे पर काले धब्बे और झाइयां : लक्षण, कारण, इलाज - melasma dark spots during pregnancy in hindi
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प्रेगनेंसी के दौरान गर्भवती महिला के चेहरे पर काले धब्बे और झाइयां आना जिसे मेलास्मा (melasma) कहते हैं बेहद सामान्य सी बात है। इसे मास्क ऑफ प्रेगनेंसी के नाम से भी जाना जाता है। इसका मतलब ये नहीं कि सिर्फ गर्भवती महिलाओं को ही मेलास्मा होता है। किसी भी उम्र की महिला इससे प्रभावित हो सकती है और कई बार तो पुरुषों को भी यह समस्या हो सकती है।
मेलास्मा ऐसी स्थिति है जिसमें त्वचा का कुछ हिस्सा आसपास मौजूद बाकी की त्वचा की तुलना में गहरे रंग का हो जाता है। त्वचा के गहरे रंग का होने की इस समस्या को हाइपरपिगमेंटेशन भी कहते हैं और यह आमतौर पर चेहरे पर होता है और उसमें भी माथे पर (फोरहेड), गालों पर या होंठ के ऊपर वाले हिस्से (अपरलिप) पर। गहरे रंग का यह पैच चेहरे के दोनों तरफ बिलकुल एक जैसे पैटर्न में होता है और साथ ही इसका रंग टैन कलर से लेकर गहरे भूरे रंग तक का हो सकता है।
मेलास्मा होने का मुख्य कारण हॉर्मोन्स का असंतुलन माना जाता है और इसी वजह से यह गर्भवती महिलाओं में आमतौर पर होता है। चूंकि मेलास्मा आपके बाहरी रंग-रूप को प्रभावित करता है, ऐसे में प्रेगनेंसी के दौरान जब ज्यादातर महिलाओं को मूड स्विंग्स होते हैं, ऐसे में चेहरे पर गहरे दाग-धब्बे आना बेहद निराशाजनक होता है और इसका जीवनशैली पर भी असर पड़ता है।
हालांकि ये याद रखना बहुत जरूरी है कि मेलास्मा, हार्मोन्स की वजह से होता है और एक बार जब शरीर में हार्मोन्स का संतुलन बन जाता है- जब आप बच्चे को जन्म दे देती हैं उसके बाद ये गहरे दाग-धब्बे और झाइयां खुद ब खुद गायब हो जाती हैं। लेकिन अगर चेहरे की ये झाइयां डिलीवरी के बाद भी नहीं हटतीं तो आपको किसी स्किन स्पेशलिस्ट या डर्मेटॉलजिस्ट से संपर्क करना चाहिए और वे आपको मेलास्मा दूर करने के लिए जरूरी चिकित्सीय सुझाव देंगे।
गर्भावस्था में मेलास्मा के लक्षण - pregnancy me melasma ke lakshan
गर्भावस्था के दौरान मेलास्मा होने के कारण - pregnancy me melasma hone ke karan
गर्भावस्था के दौरान मेलास्मा को कैसे करें डायग्नोज? - pregnancy me melasma ka diagnosis
गर्भावस्था के दौरान मेलास्मा का इलाज - pregnancy me melasma ka ilaj
गर्भावस्था में चेहरे पर काले धब्बे और झाइयां : लक्षण, कारण, इलाज के डॉक्टर
गर्भावस्था में मेलास्मा के लक्षण - pregnancy me melasma ke lakshan
मेलास्मा की वजह से चेहरे पर पिगमेंटेशन के पैच बन जाते हैं जो आपके ओरिजिनल स्किन टोन की तुलना में ज्यादा गहरे रंग के होते हैं और ये आमतौर पर गर्भावस्था के शुरुआती 3 महीनों के दौरान ही बनते हैं। आमतौर पर मेलास्मा के निशान आपको प्रेगनेंसी के 9वें हफ्ते से 11वें हफ्ते के बीच में आते दिखेंगे और फिर ये पूरी प्रेगनेंसी के दौरान बने रहते हैं। ये गहरे रंग के धब्बे या झाइयां चेहरे के दोनों तरफ दिखते हैं और शरीर के इन हिस्सों पर नजर आते हैं:

गाल
माथा
ठुड्डी
नाक के बीच का हिस्सा (ब्रिज)
गर्दन
कलाई या हाथ के आगे का हिस्सा

अगर आपको प्रेगनेंसी की पहली तिमाही में या फिर उसके बाद कभी भी मेलास्मा उभरता हुआ दिखे तो अपने डॉक्टर या डर्मेटॉलजिस्ट से सलाह मशविरा जरूर करें।
गर्भावस्था के दौरान मेलास्मा होने के कारण - pregnancy me melasma hone ke karan
मेलास्मा क्यों होता है इसका सटीक कारण तो पता नहीं चल पाया है लेकिन आमतौर पर इसका संबंध शरीर में होने वाले हार्मोनल बदलाव से होता है। डॉक्टरों की मानें तो गर्भावस्था के दौरान सामान्य रूप से निम्नलिखित कारणों की वजह से मेलास्मा या झाइयां उभरती हैं:
एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्टेरॉन के प्रति संवेदनशीलता
परिवार में मेलास्मा का इतिहास
गर्भनिरोधक गोली का सेवन
हार्मोन थेरेपी
हद से ज्यादा तनाव और स्ट्रेस
थाइरॉयड प्रॉब्लम या हाइपोथायराइडिज्म
सूरज की रोशनी, यूवी किरणें आदि।
गर्भावस्था के दौरान शरीर में प्राकृतिक रूप से हार्मोन्स में बदलाव आते हैं। एस्ट्रोजेन, प्रोजेस्टेरॉन, ह्यूमन कोरिऑनिक गोनाडोट्रोपिन और ह्यूमन प्लैसेंटल लैक्टोजेन- ये सभी हार्मोन गर्भावस्था के दौरान अधिक मात्रा में बढ़ जाते हैं ताकि आपके शरीर के अंदर पल रहे एक और जिंदगी को जीने में मदद मिल सके। जाहिर सी बात है इस समय पर हार्मोन्स का उभार काफी ज्यादा होता है और इस वजह से प्रेगनेंसी के दौरान मेलास्मा उत्पन्न होता है। अगर आपके परिवार में मेलास्मा का इतिहास रहा हो या फिर अगर आपको बहुत ज्यादा स्ट्रेस या हाइपोथायराइडिज्म की समस्या हो तो प्रेगनेंसी के दौरान मेलास्मा होने का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।
गर्भावस्था के दौरान मेलास्मा को कैसे करें डायग्नोज? - pregnancy me melasma ka diagnosis
डर्मेटॉलजिस्ट या ऑब्स्टेट्रिशियन, द्वारा की गई जांच के जरिए ही इस बात की पुष्टि हो सकती है कि आपको प्रेगनेंसी के दौरान मेलास्मा हुआ है या नहीं। अगर आप गर्भवती नहीं है और तब भी आपको मेलास्मा हुआ है तब डॉक्टर कुछ टेस्ट करते हैं ये जानने के लिए कि आखिर मेलास्मा होने की वजह क्या है। सामान्य हार्मोन प्रोफाइल कराने के साथ-साथ आपके डॉक्टर आपको स्किन बायोप्सी करवाने की सलाह भी दे सकते हैं या फिर एक खास तरह की लाइट में स्किन को चेक किया जाता है ताकि ये पता चल सके कि किसी तरह का फंगल या बैक्टीरियल इंफेक्शन तो स्किन में नहीं है।
गर्भावस्था के दौरान मेलास्मा का इलाज - pregnancy me melasma ka ilaj
ज्यादातर गर्भवती महिलाओं में बच्चे के जन्म के बाद जब हार्मोन्स का लेवल फिर से सामान्य हो जाता है तो मेलास्मा खुद ब खुद गायब हो जाता है। मेलास्मा को गायब होने और आपकी स्किन को फिर से पहले की तरह साफ और क्लीयर होने में डिलिवरी के बाद कुछ सप्ताह से लेकर कुछ महीने तक का वक्त लग सकता है। वैसी महिलाएं जो भारत जैसे देश में रहती हैं जहां का मौसम धूप से भरा है वहां पर मेलास्मा को ठीक होने में ज्यादा समय लग सकता है।
वैसी महिलाएं जो यूवी किरणों या स्टूडियो या फिल्म सेट पर मौजूद आर्टिफिशल रोशनी में ज्यादा काम करती हैं उनका भी मेलास्मा ठीक होने में ज्यादा वक्त लगता है। अगर आपको लग रहा है कि डिलिवरी के बाद मेलास्मा की समस्या ठीक नहीं हो रही या फिर अगर आप इसे लेकर चिंतित हैं तो डॉक्टर या डर्मेटॉलजिस्ट से बात करके यूवी ब्लॉकिंग क्रीम या सनस्क्रीन के बारे में पूछ सकती हैं। हालांकि अगर आप बच्चे को अपना दूध पिला रही हैं तो ब्रेस्टफीडिंग के दौरान इस तरह के इलाज की सलाह नहीं दी जाती है। धैर्य और सब्र रखना ही प्रेगनेंसी के दौरान और इसके बाद भी मेलास्मा को ठीक करने का सबसे अच्छा तरीका है।

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