क्या डिलीवरी के लिए 35 वीक सेफ है?pregnancytips.in

Posted on Sat 22nd Oct 2022 : 12:49

35 सप्ताह की गर्भावस्था में भ्रूण विकास
आपका शिशु अब एक बड़े खरबूजे जितना भारी हो गया है, लगभग 2.4 किलोग्राम। उसकी लंबाई करीबन 46.2 सें.मी. (18.2 इंच) हो गई है। अगले कुछ हफ्तों में उसका प्रतिदिन करीब 28 से 30 ग्राम वजन बढ़ेगा।

संभव है कि आप केवल अपने पेट को देखकर ही यह बता पाएं कि शिशु किस तरह की हलचल कर रहा है। गर्भ में शिशु किस अवस्था में है, इस आधार पर आप शिशु के उलटने-पलटने पर उसका उतार-चढ़ाव देख सकेंगी या फिर हिचकियां आने पर आप लयबद्ध हरकत महसूस कर सकती हैं।

चूंकि अब शिशु बड़ा होता जा रहा है, उसकी हलचल पर आपको थोड़ा असहज महसूस हो सकता है।जैसे-जैसे आपका शिशु गर्भ में ज्यादा जगह घेरने लगता है, उसके चारों तरफ मौजूद एमनियोटिक द्रव स्वत: घटने लगता है। हालांकि, आपकी गर्भावस्था अब जल्द ही समाप्त होने वाली है, मगर अब भी आपके शिशु को जन्म से पहले थोड़ा-बहुत विकास करना है।


35वेंं सप्ताह में शिशु के जन्म के कारण

समय से पहले प्रसव होने के यह कुछ कारण हो सकते हैं:
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माँ के गर्भ में जुड़वां या तीन बच्चे पल रहे होते हैं।
बच्चा गर्भाशय ग्रीवा (सर्विक्स) से पूरी तरह से सुरक्षित तरीके से जुड़ा न हो।
गर्भाशय का उपयुक्त न होना और जलन महसूस करना।
गर्भनाल के अलग होने से जुड़ी समस्याएं ।
गर्भावस्था के दौरान माँ ड्रग्स, शराब और सिगरेट का सेवन करती हो।
बीमारी के कारण भी प्रसव जल्दी हो सकता है।

35वें सप्ताह में जन्मे शिशुओं में जटिलताएं

समय से पहले जन्मे शिशुओं में होने वाली जटिलताएं इस प्रकार हैं :

1. पीलिया
समय से पहले जन्मे शिशुओं के कुछ अंग अविकसित रह जाते हैं और यकृत (लिवर) उनमें से एक है। यह लाल रक्त कोशिकाओं को उतने प्रभावी ढंग से संसाधित नहीं कर पाता है जितना कि इसे करना चाहिए। इस प्रकार बच्चे में पीलिया होने का खतरा बढ़ जाता है। यदि इसका समय पर इलाज न किया जाए, तो पीलिया मस्तिष्क को प्रभावित करना शुरू कर देता है और इससे आगे अन्य जटिलताएं पैदा होने लगती हैं।

2. संक्रमण
समय से पूर्व जन्मे बच्चे माँ से रोग-प्रतिकारक (एंटीबॉडीज) प्राप्त नहीं कर पाते हैं। इस कारण उनके लिए हानिकारक बैक्टीरिया और वायरस से लड़ना मुश्किल हो जाता है। इलाज के बावजूद भी संक्रमण के बढ़ने का खतरा रहता है।

3. स्तनपान की समस्याएं
हालांकि चूसना और निगलना स्वाभाविक क्रियाएं हैं, लेकिन समय से पहले जन्मा शिशु उन्हें ठीक से करने में विफल हो सकता है।

4. सांस लेने में तकलीफ
बच्चे के फेफड़े अविकसित रह जाते है और लुब्रिकेंट में कमी होने के कारण यह सर्फैक्टेंट उनके ऊतकों को ढक देते हैं। ये लुब्रिकेंट बच्चे के लिए बहुत आवश्यक होते हैं, क्योंकि जब बच्चा सांस लेता है, तो ये ऊतकों को एक-दूसरे से चिपकने से रोकने में मदद करते हैं। जब फेफड़ों की मांसपेशियां कमजोर होती हैं तो बच्चे को सांस लेने में तकलीफ होती है।

5. वजन बढ़ने में परेशानी
समय से पहले जन्म लेने वाले शिशुओं का वजन 2 किलोग्राम से कम होता है। जन्म के समय बच्चे का कम वजन होना और इसके साथ स्तनपान संबंधित परेशानियां उसके वजन बढ़ने में समस्या पैदा कर सकती हैं।

6. शरीर का अस्थिर तापमान
शरीर के आंतरिक तापमान के स्तर को सही रखकर शरीर का आदर्श वजन और फैट का सही प्रतिशत शिशु को सुरक्षित रखने के लिए आवश्यक है। फैट की अनुपस्थिति से हाइपोथर्मिया हो जाता है और यह इनक्यूबेटर या बिजली से चलने वाले गर्म बिस्तरों को आवश्यक बना देता है।



35वें सप्ताह में जन्मे शिशु के जीवित बचने की दर क्या है

35वें सप्ताह में जन्म लेने वाले शिशुओं में से 99% जीवित रहते हैं। इसलिए, चिंता की कोई बात नहीं है।
हालांकि, 35वें सप्ताह में जन्मा शिशु एक पूर्ण-विकसित बच्चे जैसा दिखता है, फिर भी वह समय से पूर्व जन्मा माना जाता है और उसे बढ़ने के लिए सही देखभाल की आवश्यकता होती है।

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